20090330

आई. आई. टी. खड़गपुर - कहाँ से कहाँ तक

IIT-KGP अब बाजारवाद का शिकार बन कर रह गया है...... भाँति-भाँति के courses शुरू तो किये गए और किए जा रहे हैं पर बात-बात में अपने को Premier Institute बताने वाला यह संस्थान अभी भी मूलभूत आवश्यकताओं से ही जूझ रहा है. यहाँ के प्रबंधन में अब राजनैतिक प्रभाव अधिक हो गया है. जिसे संस्थान और छात्रों से अधिक अपने विकास की चिंता है. गत २ वर्षों में जितने भी निर्णय लिये गये उनमें से अधिकतर यहाँ छात्र जीवन में बाधक ही प्रमाणित हुये हैं. जिसका प्रभाव छात्रों के विकास पर पड़ रहा है. अभी हाल ही में घटी घटनायें इन सबका प्रमाण हैं. राजनेताओं की भाँति यहाँ के क्षत्रप भी लीपा-पोती में लगे हुये हैं.

पर इन सबके पीछे एक बात स्प्ष्ट दिख रही है..... आगामी चुनाव तक स्थिति को कैसे भी काबू में रखा जाए.

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कोई भी मूल्य एवं संस्कृति तब तक जीवित नहीं रह सकती जब तक वह आचरण में नहीं है.

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