20100119

रिलायंस जनरल इंश्योरेन्स धोखाधड़ी में अव्वल

बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने उन 10 बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाया है जिन्होंने साल 2008-09 के दौरान नियमों का उल्लंघन किया है। सबसे अधिक जुर्माना अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस जनरल पर लगाया है। इरडा की सालाना रिपोर्ट के अनुसार 'इरडा के नियमों एवं दिशानिर्देशों के उल्लंघन' के लिए कंपनी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना किया गया है।

सार्वजनिक क्षेत्र की दो बीमा कंपनियों-न्यू इंडिया और नैशनल इंश्योरेंस तथा निजी क्षेत्र की इफको टोकियो और एचडीएफसी अर्गो पर भी 5-5 लाख रुपये का जुर्माना नियमों का उल्लंधन करने के लिए लगाया गया है।

निजी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड प्रवासी भारतीय बीमा योजना के मामले में 'फाइल ऐंड यूज' दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना किया गया है। जिन कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया उनमें से अधिकांश साधारण बीमा क्षेत्र की हैं। केवल एक जीवन बीमा कंपनी, मैक्स न्यूयॉर्क लाइफ पर यूलिप योजनाओं के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने, पर 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के निजी जीवन बीमा उद्योग को 2008-09 में 4,879 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह इससे पिछले वर्ष के मुकाबले 43 फीसदी अधिक है। नुकसान की भरपाई करने के लिए निजी जीवन बीमा कंपनियों के प्रमोटरों ने 2008-09 में 5,956 करोड़ रुपए लगाए हैं। यह रकम पिछले 10 साल में प्रमोटरों द्वारा निवेश की गई राशि के बराबर है।

2008-09 के नुकसान को मिलाकर जीवन बीमा उद्योग का कुल घाटा 8,585 करोड़ रुपए पर पहुँच गया है। इरडा की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि बीमा उद्योग को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है। इनमें मांग में कमी, ब्याज दरों का गिरना और बहुत सी कंपनियों की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत प्रमुख हैं। इरडा ने कहा कि उसका अनुमान है कि नई निजी जीवन बीमा कंपनियों को कारोबार के पहले सात से 10 साल में नुकसान उठाना पड़ेगा। इरडा के अनुसार, 'जीवन बीमा उद्योग में पूंजी की अधिक जरूरत होती है और बीमा कंपनियों को प्रीमियम की आमदनी में वृद्धि के लिए समय-समय पर पूंजी लगानी पड़ती है।'

इरडा की रिपोर्ट के अनुसार 22 जीवन बीमा कंपनियों में से केवल चार ने 2008-09 में मुनाफा दिया है। इनमें भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), कोटक महिंद्रा, मेट लाइफ और श्रीराम शामिल हैं। एलआईसी का मुनाफा बढ़कर 957.35 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इससे पिछले वर्ष यह 844.63 करोड़ रुपए था। कोटक महिंद्रा ने पहली बार 14.34 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है। पिछले वर्ष कंपनी को 71.87 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। मेट लाइफ का शुद्ध मुनाफा 14.52 करोड़ रुपए और श्रीराम का 8.11 करोड़ रुपए रहा है।

(www.visfot.com)

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कोई भी मूल्य एवं संस्कृति तब तक जीवित नहीं रह सकती जब तक वह आचरण में नहीं है.

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